
हरतालिका तीज के व्रत की विधि : हरतालिका तीज व्रत के लिए, महिलाएं सुबह उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। वे भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। वे प्रदोष काल के दौरान पूजा करते हैं, जो दिन और रात के मिलने का समय है।
पूजा के लिए, महिलाएं मिट्टी से शिव और पार्वती की मूर्तियाँ बनाती हैं। वे फुलेरा बांधते हैं और केले के पत्तों से मंडप बनाते हैं। वे शिव को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के फूल, भस्म, गुलाल, अबीर और 16 प्रकार की पत्तियां चढ़ाते हैं। वे पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाते हैं। वे भगवान को खीर और फल का भोग लगाते हैं।
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महिलाएं पूरे 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। वे अगले दिन सूर्योदय के समय व्रत तोड़ती हैं।
महिलाएं दही, पपीता, सेब, अनार, अमरूद या केला खा सकती हैं। वे नारियल पानी, नींबू पानी, मौसमी का जूस, अनार का जूस आदि जैसे तरल पदार्थ भी पी सकती हैं।
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सुबह का मुहूर्त- सुबह 06 बजें से सुबह 07 बजकर 30 मिनट तक एवं सुबह 9 बजे से 10:25 बजे तक। हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है। पूजा एवं व्रत के संकल्प के लिए यह शुभ मुहूर्त है। प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम को 05 बजकर 50 मिनट से रात 07 बजकर 30 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
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