मेरी  चाहें  जान निकल जाए......  यहां पढ़े  बागेश्वर बाबा के प्रवचन

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जो कोई बागेश्वर धाम जाता है, उसका मन तन खुश हो जाता है।

गुण मिले तो गुरु बनाओ चित्त मिले, तो चेला मन मिले तो मित्र बनाओ, वरना रहो अकेला।

कलयुग में कही ऐसे पुण्य धाम नहीं थे, भारत की तरह धर्म के आयाम नहीं थे, रावण के खानदान के होंगे हो लोग ‘दोस्तों’ जो लोग कह रहे है कभी राम नहीं थे।

हमेशा दूसरों की सफलता के बारे में, जानने के बजाए खुद की सफलता, पर काम करना चाहिए।

मैं आंखों में बागेश्वर धाम की चमक रखता हूं, मेरी चाहे जान निकल जाए, भक्ति करने में दम रखता हूं।

जो कोई बागेश्वर धाम जाता है, उसका मन तन खुश हो जाता है।