Kota News Today : कोटा जिले के कैथून थाना इलाके के झालीपुरा गांव में एयरगन चलने से 17 वर्षीय छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र मणिकरण अपने भाइयों को एयरगन को चलाने के बारे में जानकारी दे रहा था। इसी दौरान ट्रिगर दब गया और छर्रा आंख के पास से होता हुआ ब्रेन में जाकर फंस गया था। ब्रेन में छर्रा फंसने के कारण डॉक्टर ने उम्मीद छोड़ दी थी। परिजन संतुष्टि के लिए उसे हायर सेंटर पर लेकर गए थे। वहां भी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। आखिरकार परिवार गुरुवार रात को उसे फिर कोटा लेकर आया। इस बीच शुक्रवार को छात्र मणिकरण ने दम तोड़ दिया।
परिजनों से मिली जानकारी में सामने आया कि घटना के वक्त घर में केवल महिलाएं और बच्चे ही थे। मृतक मणिकरण का एक दिन पहले ही एग्जाम खत्म हुआ था। उसके मामा का लड़का भी गांव आया हुआ था। मणिकरण अपने ममेरे भाई को एयरगन दिखा रहा था। इसी दौरान ये दर्दनाक हादसा हो गया। छात्र के पिता पिता परविंदर सिंह ने बताया घर के गेट के पास एक एयरगन रखी हुई थी। मणिकरण ने खेल-खेल में वह उठा ली और अपने भाईयों को बताने लगा कि गन कैसे चलती है ? उसे अंदाजा नहीं था कि गन का आगे वाला हिस्सा उसके मुंह की तरफ था। तभी अचानक से ट्रिगर दब गया। छर्रा आंख में जा घुसा।

पिता परविंदर सिंह ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलने पर जब वो घर पर पहुंचे तो तो मणिकरण बेहोश था। कुछ बोल नहीं पा रहा था। इसके बाद उसे तुरंत ही कोटा लेकर आए। जहां एडमिट किया तो पता चला गन का छर्रा आंख से होते हुए दिमाग तक जा पहुंचा है। उसकी हालत देखते हुए उसे जयपुर के हॉस्पिटल रेफर किया गया है। मणिकरण का परिवार खेती करता है। इस हादसे के बाद परिवार के दूसरे बच्चे भी डरे हुए हैं।
डॉक्टर बोले- ब्रेनडेड जैसी कंडीशन : वहीं, इस मामले में एमबीएस हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर नीरज देवंदा का कहना है कि रात को उनकी यूनिट की टीम के डॉक्टर ने चेक किया था। छर्रा ब्रेन में चला गया था। न्यूरो सर्जन को मौके पर बुलाकर चेक करवाया था। ब्रेन डेड होने जैसी कंडीशन होने पर उन्होंने ऑपरेशन की उम्मीद से इनकार कर दिया और परिजनों को भी इसके बारे में बता दिया था।
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