आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाली NDA से मुकाबले के लिए बने विपक्षी गठबंधन इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक मंगलवार को दिल्ली में संपन्न हुई। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। ममता बनर्जी ने इस गठबंधन की ओर से पीएम उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी उनके नाम का समर्थन किया। इसी बीच JDU सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि यह बैठक बिना किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा किए खत्म हो गई। पिंटू ने इस बैठक को महज चाय-बिस्किट वाली मीटिंग करार दिया और कहा कि बैठक में समोसा भी नहीं था।
क्या बोले जदयू सांसद JDU सांसद सुनील कुमार
इंडिया एलायंस की बैठक पर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा, “कल की बैठक में कई दलों के बड़े नेता गठबंधन में हिस्सेदारी के लिए आए थे, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। कल की बैठक चाय-बिस्कुट तक ही सीमित रही। क्योंकि कांग्रेस ने हाल ही में कहा था कि उनके पास फंड की कमी है और वे 138 रुपये, 1380 रुपये या 13,800 रुपये का चंदा मांग रहे हैं। अभी तक चंदा आना बाकी है। इसलिए, कल की बैठक बिना समोसे के सिर्फ चाय और बिस्कुट पर खत्म हो गई बिना किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा के।”
हिंदी पट्टी में कांग्रेस पार्टी के लिए राह मुश्किल
हाल ही में राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में हुए चुनाव से कांग्रेस को काफी उम्मीद थी। पार्टी को लग रहा था कि इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनेगी, जिसके बाद इंडिया गठबंधन में जब सीट शेयरिंग की बात होगी तो उनकी बारगेनिंग कैपेसिटी अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा होगी।
लेकिन परिणाम पार्टी के पक्ष में नहीं आए तो उत्तर भारत में कांग्रेस की सत्ता बस हिमाचल प्रदेश तक ही सिमित रह गई। इस वजह से कांग्रेस को उत्तर से ज्यादा दक्षिण भारत से उम्मीद है क्योंकि उसकी सरकार कर्नाटक और तेलंगाना में है। इसके अलावा केरल में उसकी अच्छी स्थिति है। यहां से पार्टी को काफी उम्मीदें हैं।
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