Sanchore News : जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में नर्मदा के मीठे पानी की सप्लाई को लेकर करोड़ों की लागत से बने FR प्रोजेक्ट का रणोदर तेतरोल डैम से पानी का सीपेज होने से पश्चिम की तरफ एक किमी दूर नयावास व रणोदर राजस्व गांव में किसानों की खातेदारी की करीब एक हजार बीघा जमीन जलमग्न हो चुकी है।
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किसानों ने डैम निर्माण को लेकर शिकायत दर्ज करवाई। जिला स्तरीय जन सुनवाई में मुद्दा भी उठाया, लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकला है। किसानों ने बताया कि जब डैम का निर्माण जिस कंपनी द्वारा किया जा रहा था। तब भी घटिया निर्माण सामग्री से कार्य करने का आरोप लगाते हुए गुणवत्ता युक्त कार्य करवाने की मांग भी की थी, लेकिन तत्कालीन PHID के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
दूसरी तरफ एफआर प्रोजेक्ट के अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं सीपेज डैम से हो रहा है या नर्मदा मुख्य कैनाल से। नर्मदा नहर परियोजना के क्लोजर के दौरान डैम में करीबन 1 महीने तक चले इतने पानी का स्टोरेज करना होता है। इसके लिए डैम में करीबन 7 से साढ़े सात मीटर तक पानी भरना होता है, लेकिन डैम की सीपेज समस्या को देखते हुए मात्र से 3 से साढ़े तीन मीटर ही पानी स्टोरेज करते हैं। इससे क्लोजर के दौरान 8 से 10 दिन में पानी का संकट खड़ा हो जाता है।
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